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समस्तीपुर। समस्तीपुर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में बिजली विभाग, अमरबेल और बिजली की तरह जनता का खून चूसने का काम कर रही है। बिजली विभाग के एसडीओ, जेई से लेकर सीएमडी तक इस लूट अभियान में संलिप्त हैं। एक बार इनके संपत्ति की जांच होनी चाहिए। भाकपा माले के जिला कार्यकारिणी सदस्य सह पूसा प्रखंड सचिव अमित कुमार ने संवाददाता से बातचीत के दौरान उक्त बातें कही।उन्होंने कहा बिजली विभाग और राजस्व विभाग में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है यह तो सब जानते हैं। मगर बिजली विभाग में भ्रष्टाचार सुर्खी में तब आया जब बिजली विभाग के सीएमडी संजीव हंस को अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री अमित ने कहा कि प्रत्येक जिला में कनीय अभियंता से लेकर सुपरिटेंडिंग इंजीनियर तक सभी के आय और संपत्ति की जांच हो जाय तो मेरा दावा है कि 70-80 प्रतिशत पदाधिकारी जेल चले जायेंगे।बिना नियमित मीटर रीडिंग लिए घर बैठे मनमाना बिलिंग कर, उस रकम पर ब्याज पर ब्याज जोड़कर अपने दलालों के माध्यम से अवैध वसूली का खेल बिजली विभाग में तो पुराना है। निजीकरण के बाद से इसमें सुधार की जगह इजाफा ही हुआ है।उन्होंने कहा कि ग्रामीणो से मिली शिकायत के अनुसार इस मामले में पंचायत, प्रखंड, अनुमंडल से लेकर जिला स्तर तक असामाजिक तत्वों के बल पर वसूली किया जा रहा है। वसूली करने वाले विभाग के कर्मी या पदाधिकारी नहीं होते। ये ठेकेदार के लोग होते हैं, जो तालिबानी अंदाज में ऑन स्पाॅट पेमेंट की मांग करते हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि बैंक बंद है या उपभोक्ता परेशान है। उनको किसी स्तर पर कार्रवाई होने का खौफ भी नहीं क्योंकि वे विभाग के कर्मी नहीं होते।माले नेता ने कहा कि ये लोग काफी गिरगिराने पर विद्युत विच्छेद नहीं करने केलिए अवैध राशि की मांग करते हैं। ऐसे समय में जेई, से एसई तक किसी का फोन नहीं उठाते। आम आदमी थाना, कोर्ट कचहरी से बचना चाहता है, जिसका ये खुल कर फायदा उठाते हैं।माले नेता ने कहा कि बिजली के पोल से घर तक अर्थिंग सहित बिजली पहुंचाने की जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होती है। मगर पोल से घर तक मात्र एक तार दौड़ा दिया जाता है। अर्थिंग केलिए लाईन मैन को अलग से कुछ चाहिए। जिले भर में अधिकांश पोल पर अर्थिंग वायर है ही नहीं।इस बाबत शिकायत सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं है। माले नेता ने कहा कि अगर सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, एक्सक्यूटिव इंजीनियर या जूनियर इंजीनियर से शिकायत करने की कोशिश की जाय तो ये सरकारी नंबर पर अक्सर काॅल नहीं उठाते। मगर दलाल और माफिया का फोन तुरंत उठाते हैं। उन्होंने कहा कि भाकपा माले शीघ्र ही इस अवैध वसूली और पदाधिकारियों के संपत्ति की जांच को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेगी।