राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 26 आर्मी जवान अपने शहीद साथी की बेटी की शादी में अपना वादा निभाने पहुंचे। 16 साल पहले आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए सूबेदार कंवरपाल सिंह की बेटी की शादी में जवानों ने न सिर्फ सभी रस्में निभाईं, बल्कि बिटिया को आशीर्वाद देकर डोली को स्टेज तक ले गए और विदाई तक मौजूद रहे। शहीद कंवरपाल सिंह के भाई कौशल सिंह ने कहा- यह सिर्फ एक वादा नहीं था, यह भारतीय सेना की वो परंपरा है, जहां हर शहीद का परिवार पूरी फौज का परिवार बन जाता है। आज मेरे भाई की कमी महसूस नहीं हुई, क्योंकि पूरी फौज उनकी जगह यहां मौजूद थी। कुतिना सरपंच रविंद्र सिंह चौहान ने कहा- आज के समय में जब लोग अपने रिश्तों और जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेते हैं, तब आर्मी के इन जवानों ने दिखाया कि वादा क्या होता है। आर्मी के जवान सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी में भी अपने फर्ज और वादे को इतनी शिद्दत से निभाते हैं। पहले देखिए, शादी से जुड़ी 3 तस्वीरें… 5 मार्च को थी शादी, आर्मी के 26 जवान पहुंचे
गांव कुतिना निवासी कौशल सिंह चौहान ने बताया- उनकी भतीजी बबली कंवर की शादी दिल्ली निवासी अरुण सिंह राजावत के साथ 5 मार्च को थी। इस खास मौके पर ग्रेनेडियर रेजिमेंट की 14वीं यूनिट से 1 JCO और 15 जवान, 39 राष्ट्रीय राइफल (RR) से 1 JCO और 9 जवान शामिल हुए। शहीद कंवरपाल सिंह चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे। उनके परिवार में पत्नी राधा देवी और चार बच्चे हैं। बड़ी बेटी बबली कंवर LLB कर रही हैं। कंचन कंवर और नेहा कंवर MBBS की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि बेटा मनमोहन सिंह BCA कर रहा है। 2 आतंकियों को मार कर हुए शहीद कंवरपाल सिंह
1 जनवरी 2009 की रात को जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही थी, जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात आर्मी के जवान भी अपनी चौकी पर खुशियां मना रहे थे। तभी खबर आई कि आतंकी घुसपैठ कर रहे हैं। घने कोहरे में ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सूबेदार राकेश सिंह घायल हो गए। उन्हें बचाने के लिए कंवरपाल सिंह आगे बढ़े। 2 आतंकियों को मार गिराया, लेकिन खुद भी शहीद हो गए। शहीद होने से पहले कंवरपाल सिंह की यूनिट के साथी जवानों ने एक वादा किया था- जब आपकी बेटी की शादी होगी, हम जरूर आएंगे। 5 मार्च 2025 को आर्मी के 26 जवान कंवरपाल सिंह की बेटी की शादी में पहुंचे और सभी रस्में निभाईं।