Friday, April 18, 2025
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जलवायु अनुकूल गन्ना उत्पादन तकनीक और बिहार में गन्ना उत्पादकता बढ़ाने को लेकर एक विमर्श सत्र का आयोजन

ONE NEWS NETWORK DIGITAL

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के गन्ना अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस के अवसर पर जलवायु अनुकूल गन्ना उत्पादन तकनीक और बिहार में गन्ना उत्पादकता बढ़ाने को लेकर एक विमर्श सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने गन्ना अनुसंधान संस्थान के स्थापना और विकास की चर्चा की ओर कहा कि गन्ना अनुसंधान संस्थान का गौरव शाली इतिहास रहा है। उस इतिहास से सीख कर हमें नया इतिहास लिखना है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे मल्टी डिसिप्लिनरी टीम के साथ काम करें‌ । उन्होंने कहा कि बिहार सरकार गन्ना अनुसंधान को लेकर विश्वविद्यालय को काफी सहयोग कर रही है। उन्होंने बिहार सरकार के द्वारा सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आने वाले समय में बिहर को गुड़ उत्पादन के क्षेत्र में देश में नंबर वन बनाना चाहती है और बिहार सरकार के सहयोग से जल्द ही यह सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को ऐसी वेरायटी डेवेलप करने के बारे में भी सोचना चाहिए जिससे इथेनॉल का उत्पादन अधिक हो सके। उन्होंने कहा कि संस्थान को सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को लेकर भी प्रयास करने की जरूरत है। डॉ पांडेय ने माइक्रो इरिगेशन में किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा की और कहा कि आज के तकनीकी सत्र से निश्चित ही ऐसी निष्कर्ष निकलेंगे जो किसानों के लिए हितकारी होंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय गन्ना किसानों के लिए एक मोबाइल एप विकसित करने पर काम कर रहा है और जल्द ही इसे पूरा होने की संभावना है। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ वीपी सिंह ने कहा कि गन्ना अनुसंधान संस्थान ने देश को सौ से ज्यादा गन्ना के प्रभेद दिये है इसके अतिरिक्त की रोगों की रोकथाम को लेकर तकनीक विकसित किया है। उन्होंने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिकों को गन्ना की उत्पादकता बढ़ाने और किसानो की समस्याओं पर आधारित अनुसंधान करना चाहिए। उन्होंने गुड़ उत्पादन को लेकर विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की ओर कहा कि विश्वविद्यालय काफी तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर है। निदेशक अनुसंधान डॉ ए के सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा की और कहा कि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार तीनो क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं जिसका असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। उन्होंने कुलपति के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की। गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ देवेन्द्र सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए गुड़ के विभिन्न उत्पादों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के गुड़ उत्पादों कीविधानसभा में भी सभी लोगों को प्रस्तुत किया गया है और सबने इसकी काफी तारीफ की है। प्रगतिशील कृषक डॉ सुधांशु कुमार ने कहा कि उनकी विकास यात्रा में विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने माइक्रो इरिगेशन को लेकर किसानों की समस्याओं के बारे में भी चर्चा की।कार्यक्रम के दौरान दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिसमें गन्ना की उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल गन्ना के विकास को लेकर विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान से संबंधित जानकारियां साझा की और विचार विमर्श किया।कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डा एस मीणा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन वरीय वैज्ञानिक डॉ एस एन सिंह ने किया।कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान डॉ ए के सिंह, निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा, निदेशक छात्र कल्याण डॉ रमन त्रिवेदी,निदेशक बीज डॉ डी के राय , पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ राकेश मणि शर्मा,डॉ सी के झा, डॉ डीएन कामत, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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